लालबहादुर शास्त्रीजी की पत्नी ललितादेवी शास्त्री द्वारा रचित भजन (Bhajans by Lalitadevi Shastri)
लालबहादुर शास्त्रीजी की पत्नी ललितादेवी शास्त्री द्वारा रचित भजन (Bhajans by Lalitadevi Shastri)
ललितादेवी शास्त्री का जन्म ११ जनवरी १९१० को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में गणेश प्रसाद श्रीवास्तव के घर हुआ था और १६ मई १९२८ को उनकी शादी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्रीजी से हुई थी। उस समय लालबहादुर शास्त्री कांग्रेस के कार्यकर्ता थे।
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लालबहादुर शास्त्री का सभी भारतीयों द्वारा सम्मान और प्यार किया जाता है। उनका सादा जीवन, उच्च विचार और मजबूत व्यक्तित्व आज भी अधिकांश भारतीयों को प्रभावित करता है। उनकी पत्नी ललितादेवीने अपने व्यक्तित्व के माध्यम से एक गुणी गृहिणी और एक संघर्षरत भारतीय महिला के चरित्र को चित्रित किया है। ब्रिटिश शासन के दौरान लालबहादुर शास्त्री को नौ साल की कैद हुई थी। उस समय ललिता देवी ने अकेले ही पूरे परिवार और बच्चों की बड़ी हिम्मत से पालन-पोषण किया। यद्यपि उनके पति लालबहादुर शास्त्री बाद में स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री और आगे जाके प्रधान मंत्री बने, ललितादेवी का धार्मिक दृष्टिकोण और जीवन शैली और विचारधारा नहीं बदली।
तत्कालीन अनाज की कमी के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने ‘१० जनपथ’ स्थित प्रधान मंत्री आवास के परिसर में कुछ अनाज लगाया, ललितादेवीजीने लालबहादुर शास्त्री के देहांत के तीन महिनों बाद वह फसल काट दी थी, ललितादेवी के व्यक्तित्व को इस घटना से समझा जा सकता है। नीचे दियी तस्वीर देखे।

आज हम ललिता देवी के व्यक्तित्व का एक और पहलू जानने जा रहे हैं। फिलहाल हमें ललिता देवी की शिक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन ललिता देवी ने कुछ भजन लिखे हैं, उनकी ४ भजन रचनाएँ एचएमवी द्वारा १९६६ में रिकॉर्ड की गई हैं। लता मंगेशकर ने हिंदी में बहुत कम गैर-फिल्मी गाने गाए हैं। भजन श्रंखला में लतादीदीने ललितादेवीजी द्वारा रचीत दो भजन गाए हैं। अन्य दो भजन मो. रफीजीने गाए हैं। इन चारों गीतों की रचना चित्रगुप्तजीने (चित्रगुप्त श्रीवास्तव) की है, जो उस समय के भक्ति गीतों और सामाजिक गीतों की रचना करने वाले हिंदी सिनेमा के जाने-माने संगीतकार थे। ललितादेवी के इन भजनों को सुनने से उनकी प्रतिभा और सोच का पता चलता है।
गाना १: भोला भोला रटते रटते हो गयी नी बंवरीया
इस भजन में ललितादेवी ने भक्तिरसमें भगवान शंकर के रूप और गुणों का सुंदर वर्णन किया है।

गाना २: बता दे कोई मुझे श्याम की डगरीया

गाना ३: बाबा, संभल संभल पग धरना

गाना ४: सब के जीवन प्राण आधार
ललितादेवीजीने बाद में ‘शास्त्री सेवा निकेतन’ नामक एक संस्था शुरू की और इसके माध्यम से सामाजिक कार्य किया। ८३ साल की उम्र में, १३ अप्रैल १९९३ को नई दिल्ली में उनका देहांत हो गया।
मैं इस लेख के माध्यम से ऐसे महान व्यक्तित्व को नमन करता हूँ!
ललितादेवीजी की कुछ तस्वीरें







लाल बहादूर शास्त्री यांलालबहादुर शास्त्रीजी की पत्नी ललिता देवी शास्त्री द्वारा रचित भजन (Bhajans by Lalitadevi Shastri) – सर्वाधिकार सुरक्षित: लेखक और संकलक: चारुदत्त सावंत, तलेगांव दाभाडे, पुणे – ८९९९७७५४३९, ९२२५६०५९६८
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